मंगलवार, 19 जनवरी 2021

वेद और विज्ञान

एक पंडितजी को नदी में तर्पण करते देख एक फकीर अपनी बाल्टी से पानी गिराकर जप करने लगे ,

" मेरी प्यासी गाय को पानी मिले।"

पंडितजी के पुछने पर बोले जब आपके चढाये जल भोग आपके पुरखों को मिल जाते हैं तो मेरी गाय को भी मिल जाएगा।

पंडितजी बहुत लज्जित हुए।"

कहानी सुनाकर एक इंजीनियर मित्र जोर से ठठाकर हँसने लगे। बोले - " सब पाखण्ड है पंडित जी। "

शायद मैं कुछ ज्यादा ही सहिष्णु हूँ इसलिए लोग मुझसे ऐसे कुतर्क करने से पहले ज्यादा सोचते नहीं , लगभग हिंदुओं का यही हाल है

खैर मैने कुछ कहा नहीं बस सामने मेज पर से 'कैलकुलेटर' उठाकर एक नंबर डायल किया और कान से लगा लिया। बात हो सकी तो इंजीनियर साहब से शिकायत की, वो भड़क गए

बोले- " ये क्या मज़ाक है? 'कैलकुलेटर ' में मोबाइल का फंक्शन कैसे काम करेगा। "

तब मैंने कहा , ठीक वैसे हिं स्थूल शरीर छोड़ चुके लोगों के लिए बनी व्यवस्था जीवित प्राणियों पर कैसे काम करेगी।

साहब झेंप मिटाते हुए कहने लगे- " ये सब पाखण्ड है, अगर सच है तो सिद्ध करके दिखाइए।"

मैने कहा ये सब छोड़िए, ये बताइए न्युक्लीअर पर न्युट्रान के बम्बारमेण्ट करने से क्या ऊर्जा निकलती है ?

वो बोले - " बिल्कुल! इट्स कॉल्ड एटॉमिक एनर्जी।"

फिर मैने उन्हें एक चॉक और पेपरवेट देकर कहा, अब आपके हाथ में बहुत सारे न्युक्लीयर्स भी हैं और न्युट्रांस भी अब एनर्जी निकाल के दिखाइए।

साहब समझ गए और तनिक लजा भी गए और बोले- पंडित जी , एक काम याद गया; बाद में बात करते हैं। "

दोस्तों यदि हम किसी विषय/तथ्य को प्रत्यक्षतः सिद्ध नहीं कर सकते तो इसका अर्थ है कि हमारे पास समुचित ज्ञान,संसाधन वा अनुकूल परिस्थितियाँ नहीं है ,

यह नहीं कि वह तथ्य ही गलत है।

हमारे द्वारा श्रद्धा से किए गए सभी कर्म दान आदि आध्यात्मिक ऊर्जा के रूप में हमारे पितरों तक अवश्य पहुँचते हैं।

कुतर्को मे फँसकर अपने धर्म संस्कार के प्रति कुण्ठा पालें।

~ पर अफसोस !

हजारों वर्षों पहले प्रतिपादित अपने वैदिक नियमों को तब मानते हैं जब विदेशी वैज्ञानिक उस पर रिसर्च करके हमें उसका महत्व बताते है।

मैकाले शिष्य समूह समर्थक अभी 200 वर्ष पहले जान पाए हैं की पीपल गाय 24 घंटे ऑक्सीजन देने वालों में है !

हमने युगो से उनको पूज्य संरक्षित कर रखा है !

रुद्राक्ष कई लाख साल से हमारी परंपरा मे है आधुनिक विज्ञान अब जाकर जाना है कि वह शरीर में रसायनिक प्रक्रियाओं को संतुलित करता है, हारमोंस का डिसऑर्डर रोकता है लेकिन यह मैकाले मिश्रित डीएनए के प्रभाव वाले दोगले हिंदू जब तक कुछ इनको आधुनिक विज्ञान नहीं बताएगा नहीं मानेंगे !

यदि धर्म को जानने के लिए आधुनिक विज्ञान तुच्छ है तो इसमें धर्म क्या करें