शुक्रवार, 8 अगस्त 2014

क्या चढ़ाने से हो सकती है आपकी शिव पूजा बेकार, जानें

भोलेनाथ को देवों के देव यानी महादेव भी कहा जाता है। कहते हैं कि शिव आदि और अनंत हैं। शिव ही एक मात्र ऐसे देवता हैं जिनकी लिंग रूप में भी पूजा जाता है। शिव को प्रसन्न करने के लिए उन्हें अनेक ऐसी चीजें पूजा में अर्पित की जाती हैं जो और किसी देवता को नहीं चढ़ाई जाती। जैसे आंक, बिल्वपत्र, भांग आदि। लेकिन शास्त्रों के अनुसार, कुछ चीज़ें शिव पूजा में कभी उपयोग नहीं करनी चाहिए...
हल्दी
धार्मिक कार्यों में हल्दी का महत्वपूर्ण स्थान है। कई पूजन कार्य हल्दी के बिना पूर्ण नहीं माने जाते। लेकिन हल्दी, शिवजी के अलावा सभी देवी-देवताओं को अर्पित की जाती है। हल्दी का स्त्री सौंदर्य प्रसाधन में मुख्य रूप से उपयोग किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पुरुषत्व का प्रतीक है, इसी वजह से महादेव को हल्दी इसीलिए नहीं चढ़ाई जाती है। शिवलिंग पर हल्दी नहीं चढ़ाना चाहिए परंतु जलाधारी पर चढ़ाई जानी चाहिए। शिवलिंग दो भागों से मिलकर बनी होती है। एक भाग शिवजी का प्रतीक है और दूसरा हिस्सा माता पार्वती का। शिवलिंग चूंकि पुरुषत्व का प्रतिनिधित्व करता है अत: इस पर हल्दी नहीं चढ़ाई जाती है। हल्दी स्त्री सौंदर्य प्रसाधन की सामग्री है और जलाधारी मां पार्वती से संबंधित है अत: इस पर हल्दी जाती है।
फूल
शिव को कनेर, और कमल के अलावा लाल रंग के फूल प्रिय नहीं हैं। शिव को केतकी और केवड़े के फूल चढ़ाने का निषेध किया गया है। सफेद रंग के फूलों से शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं। कारण शिव कल्याण के देवता हैं। सफेद शुभ्रता का प्रतीक रंग है। जो शुभ्र है, सौम्य है, शाश्वत है वह श्वेत भाव वाला है। यानि सात्विक भाव वाला। पूजा में शिव को आक और धतूरा के फूल अत्यधिक प्रिय हैं। इसका कारण शिव वनस्पतियों के देवता हैं। अन्य देवताओं को जो फूल बिल्कुल नहीं चढ़ाए जाते, वे शिव को प्रिय हैं। उन्हें मौलसिरी चढ़ाने का उल्लेख मिलता है। एक धारना के अनुसार, शिव पूजा में तरह-तरह के फूलों को चढ़ाने से अलग-अलग तरह की इच्छाएं पूरी हो जाती है। जानिए किस कामना के लिए कैसा फूल शिव को चढ़ाएं.. वाहन सुख के लिए चमेली का फूल। दौलतमंद बनने के लिए कमल का फूल, शंखपुष्पी या बिल्वपत्र। विवाह में समस्या दूर करने के लिए बेला के फूल। इससे योग्य वर-वधू मिलते हैं। पुत्र प्राप्ति के लिए धतुरे का लाल फूल वाला धतूरा शिव को चढ़ाएं। यह न मिलने पर सामान्य धतूरा ही चढ़ाएं। मानसिक तनाव दूर करने के लिए शिव को शेफालिका के फूल चढ़ाएं। जूही के फूल को अर्पित करने से अपार अन्न-धन की कमी नहीं होती।
अगस्त्य के फूल से शिव पूजा करने पर पद, सम्मान मिलता है। शिव पूजा में कनेर के फूलों के अर्पण से वस्त्र-आभूषण की इच्छा पूरी होती है। लंबी आयु के लिए दुर्वाओं से शिव पूजन करें। सुख-शांति और मोक्ष के लिए महादेव की सफेद कमल के फूलों से पूजा करें।
अनाज
इसी तरह भगवान शिव की प्रसन्नता से मनोरथ पूरे करने के लिए शिव पूजा में कई तरह के अनाज चढ़ाने का महत्व बताया गया है। इसलिए श्रद्धा और आस्था के साथ इस उपाय को भी करना न चूकें। जानिए किस अन्न के चढ़ावे से कैसी कामना पूरी होती है...शिव पूजा में गेहूं से बने व्यंजन चढ़ाने पर कुंटुब की वृद्धि होती है। मूंग से शिव पूजा करने पर हर सुख और ऐश्वर्य मिलता है। चने की दाल अर्पित करने पर श्रेष्ठ जीवन साथी मिलता है। कच्चे चावल अर्पित करने पर कलह से मुक्ति और शांति मिलती है। तिलों से शिवजी पूजा और हवन में एक लाख आहुतियां करने से हर पाप का अंत हो जाता है। उड़द चढ़ाने से ग्रहदोष और खासतौर पर शनि पीड़ा शांति होती है।

भगवान शिव के १२ ज्योर्तिलिंग देश के अलग-अलग हिस्सों में स्थित हैं. जिसे साक्षात शिवस्वरूप माना जाता है. शास्त्रों के मुताबिक हर दिन भगवान शिव २४ घंटे में एक बार शिवलिंग में स्थित होते हैं इसलिए अपनी राशि के मुताबिक ज्योर्तिर्लिंग का ध्यान करते हुए शिव आराधना करने से विशेष लाभ मिलते हैं...शिव की पूजा के बाद ऽह्रीं ओम नमः शिवाय ह्रींऽ इस मंत्र का १०८ बार जप करें. शहद, गु़ड़, गन्ने का रस, लाल पुष्प चढ़ाएं. इस राशि के व्यक्ति मल्लिकार्जुन का ध्यान करते हुए ऽओम नमः शिवायऽ मंत्र का जप करें और कच्चे दूध, दही, श्वेत पुष्प चढ़ाएं. महाकालेश्वर का ध्यान करते हुए ऽओम नमो भगवते रूद्रायऽ मंत्र का यथासंभव जप करें. हरे फलों का रस, मूंग, बेलपत्र आदि चढाएं. शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए ऽओम हौं जूं सःऽ मंत्र का जितना संभव हो जप करें और शिवलिंग पर कच्चा दूध, मक्खन, मूंग, बेलपत्र आदि चढाएं. ऽओम त्र्यंबकं यजामहे सुगंधि पुष्टिवर्धनम, उर्वारूकमिव बन्ध्नान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्.ऽ इस मंत्र का कम से कम ५१ बार जप करें. इसके साथ ही ज्योतिर्लिंग पर शहद, गु़ड़, शुद्ध घी, लाल पुष्प आदि चढाएं. ओम नमो भगवते रूद्रायऽ मंत्र का यथासंभव जप करें. हरे फलों का रस, बिल्वपत्र, मूंग, हरे व नीले पुष्प. शिव पंचाक्षरी मंत्र ऽओम नमः शिवायऽ का १०८ बार जप करें और दूध, दही, घी, मक्खन, मिश्री चढ़ाएं.

‘ह्रीं ओम नमः शिवाय ह्रींऽ मंत्र का जप करें और शहद, शुद्ध घी, गु़ड़, बेलपत्र, लाल पुष्प शिवलिंग पर अर्पित करें.
इस राशि वाले ऽओम तत्पुरूषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रूद्रः प्रचोदयात॥ऽ इस मंत्र से शिव की पूजा करें. धनु राशि वाले मंत्र जाप के अलावा शिवलिंग पर शुद्ध घी, शहद, मिश्री, बादाम, पीले पुष्प, पीले फल चढ़ाएं. त्रयम्बकेश्वर का ध्यान करते हुए ऽओम नमः शिवायऽ मंत्र का ५ माला जप करें. इसके अलावा भगवान शिव का सरसों का तेल, तिल का तेल, कच्चा दूध, जामुन, नीले पुष्प से अभिषेक करें. कुंभ राशि के स्वामी भी शनि देव हैं इसलिए इस राशि के व्यक्ति भी मकर राशि की तरह ऽओम नमः शिवायऽ का जप करें. जप के समय केदरनाथ का ध्यान करें. कच्चा दूध, सरसों का तेल, तिल का तेल, नीले पुष्प चढाएं. ओम तत्पुरूषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रूद्र प्रचोदयात॥ इस मंत्र का जितना अधिक हो सके जप करें. गन्ने का रस, शहद, बादाम, बेलपत्र, पीले पुष्प, पीले फल चढाएं.

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