शनिवार, 15 सितंबर 2018

यह मिट्टी किसी को नही छोडेगी

ऋषिवर - हॆ वत्स एक राजा बहुत ही महत्वाकांक्षी था और उसे महल बनाने की बड़ी महत्वकांक्षा रहती थी..
उसने अनेक महलों का निर्माण करवाया..

रानी उनकी इस इच्छा से बड़ी व्यथित रहती थी की पता नही क्या करेंगे इतने महल बनवाकर..
एक दिन राजा नदी के उस पार एक महात्मा जी के आश्रम के वहाँ से गुजर रहे थे तो वहाँ एक संत की समाधि थी और सैनिकों से राजा को सुचना मिली की संत के पास कोई अनमोल खजाना था और उसकी सुचना उन्होंने किसी को नदी पर अंतिम समय मे उसकी जानकारी एक पत्थर पर खुदवाकर अपने साथ ज़मीन मे गढ़वा दिया और कहा की जिसे भी वो खजाना चाहिये..

उसे अपने स्वयं के हाथों से अकेले ही इस समाधि से चौरासी (84) हाथ नीचे सूचना पड़ी है..

निकाल ले और अनमोल खजाना प्राप्त कर लेंवे और ध्यान रखे उसे बिना कुछ खाये पिये खोदना है और बिना किसी की सहायता के खोदना है अन्यथा सारी मेहनत व्यर्थ चली जायेगी..

राजा अगले दिन अकेले ही आया और अपने हाथों से खोदने लगा और बड़ी मेहनत के बाद उसे वो शिलालेख मिला और उन शब्दों को जब राजा ने पढ़ा तो उसके होश उड़ गये और सारी अकल ठिकाने आ गई..

शिष्य - क्षमा हॆ देव ! पर ऐसा क्या लिखा था ?
ऋषिवर - उस पर लिखा था हॆ राहगीर संसार के सबसे भूखे प्राणी शायद तुम ही हो और आज मुझे तुम्हारी इस दशा पर बड़ी हँसी आ रही है तुम कितने भी धन-दौलत, महल बना लो पर तुम्हारा अंतिम महल यही है एक दिन तुम्हे इसी मिट्टी मे मिलना है..

सावधान राहगीर,जब तक तुम मिट्टी के ऊपर हो तब तक आगे की यात्रा के लिये तुम कुछ जतन कर लेना क्योंकि जब मिट्टी तुम्हारे ऊपर आयेगी तो फिर तुम कुछ भी न कर पाओगे यदि तुमने आगे की यात्रा के लिये कुछ जतन न किया तो अच्छी तरह से ध्यान रखना की जैसै ये चौरासी हाथ का कुआं तुमने अकेले खोदा है..

बस वैसे ही आगे की चौरासी लाख योनियों मे तुम्हे अकेले ही भटकना है और हॆ राहगीर ये कभी न भुलना की "तुझे भी एक दिन इसी मिट्टी मे मिलना है बस तरीका अलग-अलग हो सकता है..

फिर राजा जैसै तैसे कर के उस कुएँ से बाहर आया और अपने राजमहल गया पर उस शिलालेख के उन शब्दों ने उसे झकझोर के रख दिया और सारे महल जनता को दे दिये और " अंतिम घर " की तैयारियों मे जुट गया..

हॆ वत्स एक बात हमेशा याद रखना की इस मिट्टी ने जब रावण जैसै सत्ताधारियों को नही बख्शा तो फिर साधारण मानव क्या चीज है इसलिये ये हमेशा याद रखना की मुझे भी एक दिन इसी मिट्टी मे मिलना है क्योंकि ये मिट्टी किसी को नही छोड़ने वाली है.........!!

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